ईको फ्रेंडली चार्जिंग स्टेशन में भारत का उज्ज्वल भविष्य

पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों की बढ़ती कीमतें ,अधिक खपत  और बढ़ रहा  प्रदूषण लोगों के लिए लम्बे समय से परेशानी का सबब बना हुआ है। यही वजह है कि ग्राहकों ने  पेट्रोल, डीजल के बाद सीएनजी  को अपनाया बावजूद इसके  ऊर्जा स्त्रोतों के इस्तेमाल में वह सुविधा और गति नहीं मिली जितनी उन्हें अपेक्षा थी।  लेकिन अब समय बीतने के साथ साथ ऊर्जा स्त्रोतों की तकनीक विकसित हुई और सौर ऊर्जा के उपयोग को प्राथमिकता मिलने लगी । लोग परिवहन के साथ साथ घरों में भी सौर ऊर्जा से उत्पन्न बिजली का इस्तेमाल कर रहे हैं।  सरकार ने भी विभिन्न परियोजनाओं की शुरुआत की है जिसके माध्यम से सौर ऊर्जा के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा रही है । तकनीकी विकास के कारण भारत में ऑटोमोबाइल क्षेत्रों में भी सौर ऊर्जा का विस्तार हो चुका है तथा देश भर में इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना की जा रही है। ऐसे इको फ्रेंडली चार्जिंग स्टेशनों के विस्तार से न सिर्फ ग्राहकों को सुविधा मिलेगी बल्कि रोज़गार के बढ़िया अवसर भी पैदा होंगे।  इन चार्जिंग स्टेशनों का विस्तार  हमें उज़्ज़वल भविष्य की ओर ले  जा रहा है।   

सौर ऊर्जा से सम्बंधित परियोजनाओं की बात करें तो सरकार ने लोगों की सुविधा को देखते हुए सौर ऊर्जा के इस्तेमाल और चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की प्रक्रिया को काफी सरल बनाया है। पर्यावरण के प्रति जागरूकता और उज्ज्वल भविष्य को देखते हुए इलेक्ट्रिक वाहनों को प्राथकिता देने के साथ साथ  प्रमुख सड़क मार्ग, पार्किंग, मॉल, पेट्रोल पंप आदि जगहों पर इको फ्रेंडली चार्जिंग स्टेशनों की सुविधा उपलब्ध कराने की योजना चल रही है।  चार्जिंग स्टेशन लगाने के संदर्भ में भारत सरकार ने कुछ ज़रूरी दिशा निर्देश दिए हैं जिसके तहत कोई भी व्यक्ति या संस्था जनता के इस्तेमाल के लिए चार्जिंग स्टेशन लगवा सकती है।

सरकार ने कुछ वर्षों पहले , राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन की शुरुआत की थी जिसका उद्देश्य था कि वर्ष 2020 तक भारत की सड़कों पर 6 मिलियन इलेक्ट्रिक वाहन उपलब्ध कराये जाएंगे वहीँ  वर्ष 2030 तक 30% ई मोबिलिटी का भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है । विशेषज्ञों के मुताबिक अनुमान  है की इस  ऑटोमोटिव मिशन प्लान से वर्ष 2026 तक ऑटो सेक्टर में 6.5 करोड़ रोज़गार सृजित होंगे। भविष्य की इन तमाम संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए  दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, ग़ाज़ियाबाद, पुणे, अमरावती, चेन्नई, बेंगलुरु और  हैदराबाद  में  इको फ्रेंडली चार्जिंग स्टेशन हब  निर्माण की योजना है।

प्रमुख कंपनियां जो करेंगी चार्जिंग स्टेशन का निर्माण 

ईईएसएल कंपनी देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग के लिए लोगों को जागरूक कर रही है ,कम्पनी ने देश के सरकारी मंत्रालय एवं डिपार्टमेंट में 10,000 इलेक्ट्रिक वाहनों की शुरुआत का लक्ष्य निर्धारित किया है।इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए   ईईएसएल अभी तक  350 स्टेशनों का निर्माण सफलतापूर्वक कर चुकी है। 

ऑटोमोबाइल क्षेत्रों को मज़बूती प्रदान करने के लिए दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड,पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड , उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड,गुजरात एनर्जी विकास एजेंसी, , बेसकॉम, जैसी नोडल एजेंसियां भी इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्जिंग की सुविधा प्रदान करने के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने पर काम कर रही है। सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों के अनुसार इको फ्रेंडली  चार्जिंग स्टेशन लगवाने के लिए किसी को भी लाइसेंस की ज़रूरत नहीं होगी। रिहायशी इलाकों में भी चार्जिंग पॉइंट लगाए जाएंगे एवं इन दिशा निर्देशों में यह भी कहा गया है कि हाइवे पर हर 25 किलोमीटर पर दोनों तरफ़ एक पब्लिक चार्जिंग स्टेशन होना चाहिए। इसके अलावा इन सभी कंपनियों को 3 साल तक चार्जिंग स्टेशन की देखभाल भी करनी होगी। अनुमान लगाया जा रहा है कि एक चार्जिंग स्टेशन की लागत 4 लाख रुपये होगी जिसके लिए अलग से पावर सप्लाई करने की योजना है। चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए सरकार 1,050 करोड़ रुपये की सब्सिडी भी देगी तथा यह चार्जिंग स्टेशन एनटीसीपी, पावर ग्रिड के साथ मिलकर लगाए जाएंगे।

इलेक्ट्रिक वाहन के लाभ –

इलेक्ट्रिक वाहन को इस्तेमाल करने में लोगों की दिलचस्पी बढ़ने की प्रमुख वजहों में पर्यावरण के प्रति सुरक्षा और इनका किफायती होना है।  इलेक्ट्रिक वाहन के अगर फायदे की बात की जाए तो  ;

  • पेट्रोल, डीज़ल पर चलने वाले वाहनों की तुलना में, इलेक्ट्रिक वाहन का ख़र्च कम आता है क्योंकि एक इलेक्ट्रिक वाहन को चार्ज करने में जितने रुपये लगते हैं वो क़ीमत एक किलोमीटर गाड़ी चलाने के लिए लगने वाले पेट्रोल की क़ीमत से एक तिहाई कम होती है।
  • इलेक्ट्रिक वाहनों को मरम्मत या सर्विसिंग की कम ज़रूरत पड़ती है और  इसके पुर्जे, मोटर, रेडियेटर आदि की क़ीमत भी बहुत कम ही होती है।
  • इलेक्ट्रिक वाहनों से किसी भी तरह की हानिकारक गैस नहीं निकलती  जिससे पर्यावरण सुरक्षित रहता है।  
  • इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए सौर ऊर्जा पर चलने वाले स्टेशन बनाये जाते हैं तथा सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को भी कम किया जा सकता है। 
  • इलेक्ट्रिक वाहनों को ग्रिड इलेक्ट्रिसिटी से चार्ज करने के बजाए सोलर संयत्रों से चार्ज किया जा सकता हैं।
  • पेट्रोल या सीएनजी से चलने वाले वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहनों का वजन कम होता है, इनकी माइलेज क्षमता भी बेहतर होती है।  

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